शुभ्रा ठाकुर
लेखिका, रेडियो, टीवी एंकर एवं प्रेजेंटर
समाजसेवी
सचिव – साधना फाउंडेशन
रायपुर (छ.ग.)
दो बातें आपकी उच्च शिक्षा की आधार हैं?
लगातार पढ़ते रहने की इच्छा।
विविध विषयों की जानकारी लेना।
दो बातें जो लेखन में सृजनशीलता के लिए ज़रूरी हैं?
भावुकता।
यथार्थता।
दो बातें जिनसे आपको लेखन की प्रेरणा मिली?
प्रकृति।
आस-पास घट रही घटनाएं।
दो विशेषताएं जो एक सफल लेखिका में होनी चाहिए?
विषय की गहराई।
भाषा की सहजता।
दो चुनौतियां जो एक महिला लेखिका के समक्ष हमेशा रहती हैं?
पुरूष प्रधान समाज में स्वयं को स्थापित करना।
पारिवारिक, सामाजिक जि़म्मेदारियाँ।
दो संदेश जो आज के हाई टेक युवा लेखकों को देना चाहती हैं?
केवल आभासी दुनिया में ना रहे, किताबों की दुनिया में लौटें।
साहित्य ख़ूब पढि़ए, ख़ूब लिखिए।
अपनी लिखी दो पुस्तकें जो आपको सर्वाधिक प्रिय हैं?
थोड़ा सा इश्क।
जंगल में मोर नाचा।
शास्त्रीय संगीत की शिक्षा के दौरान आपके दो अविस्मरणीय पल?
मध्यमा अंतिम में थ्योरी में डिस्टिंक्शन मिलना और प्रैक्टिकल में परीक्षक द्वारा सभी रागों के आरोह, अवरोह, पकड़ गाने को कहा जाना, राग तोड़ी के अलावा सारे रागों का सही गाना, उसी दौरान एक व्यक्ति का परीक्षक से मिलने आना कहना एक बार और गाओ ज़रूर बनेगा और इस बार सही गा देना बाद में वही मेरे गुरु हुए पंडित गुणवंत माधवलाल व्यास, जिनसे जीवन जीना भी मैंने सीखा।
निबंध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान मिलना।
रेडियो रंगीला में अपनी सेवा के दौरान आपके दो यादगार अनुभव?
छत्तीसगढ़ के प्राइवेट एफ़ एम चैनल की एकमात्र महिला स्टेशन हेड के रूप में कार्य करने के दौरान यू एस कांसुल जनरल की विजि़ट।
हमर पहुना कार्यक्रम के माध्यम से छत्तीसगढ़ के प्रतिष्ठित लोगों का साक्षात्कार।
रेडियो जॉकी के रूप में हर दिन एक यादगार अनुभव?
जब एक प्यारी-सी बच्ची ने एंजल कहा।
जब एक श्रोता ने कहा आपकी हिंदी सुनकर हम हिंदी सीख रहे हैं।
विविध भारती के दो कार्यक्रम जो आपको सर्वाधिक प्रिय हैं?
छाया गीत।
हवा महल।
दो रचनाएँ जो आपके प्रथम काव्य संग्रह?
थोड़ा सा इश्क़ में पाठकों ने बहुत सराहा।
मैं चाँद नहीं।
एक कविता उधार दोगे?
साधना फाउंडेशन की सचिव के रूप में आपके दो महत्वपूर्ण दायित्व?
सामाजिक कार्य (बच्चों, युवाओं, नारियों को प्रोत्साहन, सम्मान और ज़रुरतमंद लोगों के लिए सामग्री उपलब्ध कराना)
साहित्य और कला के क्षेत्र में नई प्रतिभाओं को मंच प्रदान करना।
अभ्युदय संस्थान के लिए किये जाने वाले आपके दो कार्य जो आपको संतुष्टि देते हैं?
अभिभावक विद्यालय में बच्चों को पढ़ाना।
परिचय शिविर, गोष्ठी में भाग लेना।
अपने जीवन के दो निर्णय जिन पर आपको गर्व है?
अभ्युदय संस्थान अछोटी में रहना।
अपने बेटे को न्यायवादी बनाना।
दो बातें जिनसे आप प्रभावित होती हैं?
किसी के आँसू देखकर द्रवित होती हूँ।
किसी की सहजता देखकर नतमस्तक होती हूँ।
दो बातें जो आपको नाराज़ करती हैं?
झूठ बोलना।
धर्मान्धता।
दो शख्सियतें जिनसे आपको हमेशा प्रेरणा मिलती है?
श्रद्धेय गुरुदेव पंडित गुणवंत माधवलाल व्यास जी से, जिन्होंने जीना सिखाया।
अपनी माता स्वर्गीय साधना झा से जिनकी ऊर्जा और व्यावहारिकता के सब कायल हैं।
दो बातें जिनमे आप विश्वास करती हैं?
अपनी कमजोरी को अपनी ताकत बनाना।
नेकी कर दरिया में डाल।
दो बातें जो महिला सशक्तिकरण की आधार हैं?
स्वयं में विश्वास।
स्वावलंबन।
दो कार्य जो आप महिला सशक्तिकरण के लिए अपने क्षेत्र में करना चाहती हैं?
महिला उद्यमियों को प्रोत्साहन।
साहित्य और कला के क्षेत्र में आगे बढ़ाना।
दो जीवनमूल्य जो आपको अपने माता-पिता से मिले हैं?
सहृदयता।
संतोष।
कठिनाई के दौर में ऐसी दो बातें जिनसे आपको हौसला मिला?
परिजनों और शुभचिंतकों का साथ।
रेडियो, संगीत और लेखन से जुड़े रहना।
दो बातें जो आपको हिंदी भाषा में सर्वश्रेष्ठ लगती हैं?
मीठापन।
वृहद् शब्द संसार।
दो बातें जो आप अपने आलोचकों से कहना चाहती हैं?
विषयवस्तु केन्द्रित स्वस्थ आलोचना का सदैव स्वागत है।
स्वयं को जानिये तो मुझे भी जान जायेंगे।
आपके जीवनसाथी की दो बातें जो उनके व्यक्तित्व को विशाल बनाती है?
सदैव दूसरों के लिए जीना।
मुश्किल दौर में भी हँसते-हंसाते रहना।
दो अवार्ड जिन पर आपको गर्व है?
मेरे लिखे फीचर को ऑल इंडिया रेडियो का राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त होना।
मीडिया के क्षेत्र में उपलब्धियों के लिए विश्व नारी दिवस पर फिल्म अभिनेत्री जयाप्रदा और शर्मिला टैगोर के हाथों सम्मानित होना।
दो लक्ष्य जो आप जीवन में हासिल करना चाहती हैं ?
समाधान।
अस्तित्व में अनुभव।
छत्तीसगढ़ राज्य के दो पर्यटन स्थल जो आपको आकर्षित करते हैं?
चित्रकोट।
सिरपुर।