पूजा गिरी
पार्श्व गायिका एवं लाईव परफॉर्मर
मुम्बई
सफलता अनायास नहीं मिलती, निरंतर प्रयास ज़रूरी है – पूजा गिरी
अपनी पहचान बनाने के लिए मौलिक आवाज़ और संगीत की समझ होना ज़रूरी है
पार्श्व गायिका और लाईव परफॉर्मर पूजा गिरी से गुरबीर सिंघ चावला की विशेष बातचीत
संगीत और गायन आपका शौक है या इसकी विधिवत शिक्षा आपने ली है? संगीत के क्षेत्र में आपको किन गुरूओं का सानिध्य और आशीर्वाद मिला है?
संगीत के क्षेत्र में मैंने विधिवत शिक्षा ली है। बचपन से ही मैंने हिन्दुस्तानी क्लासिकल म्यूजि़क सीखना शुरू कर दिया था। मैंने ‘मास्टर्स इन म्यूजि़क ‘ की उपाधि हासिल की है। इस उपाधि के बाद भी मेरी शिक्षा अभी जारी है। श्रीमती अपर्णा बिवलकर जी मेरी गुरु हैं, उनसे संगीत की तालिम ले रही हूं। स्कूल के दिनों में मैंने अपने गुरु दुष्यंत त्रिपाठी जी से संगीत की प्रारंभिक शिक्षा हासिल की थी। संगीत से मैं बचपन से ही जुड़ी हुई हूं और निरंतर कुछ नया सीखने की कोशिश करती हूं। संगीत और गायन की बारीकियां सीखने के लिए मुझे अपने गुरुओं का आशीर्वाद मिला है, जो मेरे गायन का आधार है।
सर्वप्रथम आपको कब यह एहसास हुआ की संगीत के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना है?
इंदौर में बारहवीं कक्षा की पढ़ाई के पश्चात मैंने कम्प्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में एडमिशन लिया था, अपनी पढ़ाई के साथ-साथ मैं संगीत के लिए भी बराबर समय दे रही थी। जब मैं सेकंड ईयर में थी तो एक कम्पीटिशन आया था, जिसका नाम था ‘आईडिया राक्स इंडिया।’ यह मेरा सौभाग्य रहा कि मैं इस कांटेस्ट की विजेता बनी। इस कांटैस्ट में इंदौर में मैंने मिका सिंह के साथ लाईव परफार्म किया था। यह शो मेरे लिए एक टर्निंग पाइंट था, जहां मुझे अहसास हुआ कि मुझे संगीत में ही अपना प्रोफेशनल कैरियर बनाना है और बॉलीवुड में पार्श्वगायन के लिए प्रयास करने हैं। इंजीनियरिंग की पूरी पढ़ाई करने के बाद संगीत में कुछ कर दिखाने के अपने सपने को साकार करने के लिए मुंबई आ गई। मुंबई आने के बाद मुझे श्रवण राठौर (नदीम श्रवण) का मार्गदर्शन मिला और मुंबई में मैंने अपने प्रोफेशनल कैरियर का पहला कदम रखा।
आप इन दिनों डिजिटल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्मस में बहुत एक्टिव हैं। सबसे पॉपुलर कवर आपका कौन सा है जिससे आपकी पहचान गायिका के रूप में बनी?
सोशल मीडिया कलाकारों के लिए एक बहुत विशाल प्लेटफार्म जहां वे अपनी क्रिएटिविटी दिखा सकते हैं। मैं अपने सोशल मीडिया में सक्रिय रहती हूं। इसमें मैं गाने बनाकर बराबर पोस्ट करती हूं। मेरे एक गाने ‘रेत जरा सी ‘ बहुत पॉपुलर हुआ और इसके बड़ी संख्या में व्यूज़ आए थे। ‘श्रीवल्ली ‘ गाने का मैंने तेलुगू और हिन्दी का मिक्स वजऱ्न भी बनाया था। इसका भी बहुत अच्छा रिस्पांस मिला। सोशल मीडिया में मेरी सक्रियता से मुझे अच्छा रिस्पांस मिला और काफी लोग डिजिटल मीडिया के जरिए मुझे पहचानने लगे।
रिएलिटी शोज़ की सबसे बड़ी विशेषता आप क्या मानती हैं? क्या आप भी रिएलिटी शोज़ का हिस्सा रही हैं?
रिएलिटी शोज़ एक बड़ा माध्यम है नए सिंगर्स के लिए जो अपनी गायकी का हुनर दिखाना चाहते हैं। रिएलिटी शोज़ में अपना सिंगिंग टैलेन्ट दिखाने के लिए काफी प्रयास मैंने किए पर उसमें मुझे सफलता नहीं मिली। मुझे लगता है संगीत और गायन के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने के लिए रिएलिटी शोज़ में से होकर गुजरना जरूरी नहीं होता। अपनी पहचान बनाने के लिए मौलिक आवाज़ और संगीत की समझ होना ज़रूरी है। क्लासिकल संगीत का ज्ञान होना जरूरी है जिससे गायकी में निरंतर निखार बना रहता है। मेरा यह मानना है और अनुभव है कि अपनी क्रिएटिविटी जारी रखते हुए प्रयास करते रहने से सफलता की राह जरूरी मिलती है।
इंस्टाग्राम पर आपका एक कवर ‘इक प्यार का नगमा है ‘ बहुत पॉपुलर हुआ है। इस कवर की सफलता का श्रेय आप अपनी आवाज़ के साथ-साथ और किसे देना चाहेंगी?
‘इक प्यार का नगमा ‘ इस गीत का कवर मैंने 2017 में बनाया था। जब लता जी के स्टूडियो में मैंने यह गीत सुना था तभी मुझे लगा कि इस गीत पर अपनी कुछ क्रिएटिविटी डालकर इसका कवर बनाया जाय। राबिन तमु जी के संगीत संयोजन में मैंने यह कवर बनाया और यह एक अच्छी बात हुई कि यह गाना मैंने लता जी के स्टूडियो में हैं रिकार्ड किया। इस कवर को शूट करके यू-ट्यूब में डाला जिसका बहुत अच्छा रिस्पांस मिला। इसका श्रेय मैं पूरी टीम को देना चाहूँगी जिन्होंने इसे बनाने में पूरा सहयोग किया।
आप एक लाईव परफॉर्मर भी हैं। राष्ट्रीय स्तर पर आपका अब तक का सबसे बड़ा शो कौन सा रहा और श्रोताओं की कैसी प्रतिक्रिया रही।
बचपन से ही मैंने काफी सारे लाईव शोज़ किए हैं। अपने स्कूल के दिनों में सूरत में मैंने मनोज तिवारी जी के साथ एक चैरिटी शो किया था। यह एक बहुत बड़ा शो था। रविकिशन जी के साथ भी मैंने परफार्म किया है। मिका सिंह और गुजरात के पॉपुलर सिंगर उस्मान मीर जी के साथ भी दुबई में अंतरराष्ट्रीय शो करने के अवसर मिले। नवरात्रि में मेरे लाईव शोज़ होते रहते हैं। जहां तक मेरे अब तक के सबसे बड़े लाईव कन्सर्ट की बात करें तो यह अभिजीत भट्टाचार्य के साथ रहा जो पिछले दिनों मुंबई मे हुआ। यह शो करना मेरे लिए एक सपने जैसा था। अभिजीत जी के साथ मंच पर परफार्म करना मेरे लिए हमेशा यादगार रहेगा।
अभिजीत जी का एक गाना मैंने अपनी आवाज़ में रिकार्ड करके इंस्ट्राग्राम में डाला ता और उन्हें टैग किया था लेकिन मैंने यह कभी नहीं सोचा था कि उस गाने को सुनके वे मुझे अपने साथ लाईव परफार्म करने का मौका देंगे।
यह मेरी खुशकिस्मती रही कि उन्होंने मेरे गाने की कला को स्वीकार किया और अपने साथ गाने का विशाल मंच दिया। यह गाना था ‘लम्हा-लम्हा ‘ यह गाना मेरे दिल के बहुत करीब है। यह मेरे लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि रही है कि बॉलीवुड के इतने बड़े सिंगर ने इंस्टा में गीत सुनकर एक नए सिंगर को अपने साथ बड़े मंच पर परफार्म करने का अवसर दिया।
एक पार्श्व गायिका के रूप में आपकी क्या उपलब्धियां रही हैं। अपना गाया हुआ कौन सा गाना आपके दिल के बहुत करीब है?
मुंबई आने के बाद मैंने बहुत से गीत गाए हैं जो स्माल बजट फि़ल्मो औार एलबम्स के लिए है। कुछ गाने रिकार्ड होकर रखे हुए हैं जो आने वाले समय में रिलीज होंगे। ‘अब ये गलतियाँ ना हो’ फिल्म है जिसका गाना है- ‘गलतफहमियां बन गई तेरी मेरी दूरिया’ यह गाना मेरा एक फेवरेट गाना है। ‘शादी के पतासे’ और ‘सब ने बना दी जोड़ी’ में भी मैंने पार्श्वगायन किया है।
नए गायक-गायिकाओं के लिए बॉलीवुड में कैसी संभावनाएं हैं। इस क्षेत्र में सफल होने के लिए आप उन्हें क्या मैसेज देना चाहती हैं?
नए सिंगिग टैलेन्टस से मैं यही कहना चाहूंगी कि प्रयास निरंतर करते रहिए। सफलता अनायास नहीं मिलती। सफलता के लिए धैर्य रखना भी जरूरी है और बिना निराश हुए अपने टैलेंट को तराशना जरूरी है। बॉलीवुड इंडस्ट्री सच्चे कलाकारों की कद्र जरूर करती है। किसी भी क्षेत्र में सफलता का कोई शार्टकट नहीं होता। पहले के दौर में गायकों को काम करने के लिए कई जगहों पर जाना पड़ता था। रिस्पांस भी बहुत समय बाद आता था। अब तो डिजिटल युग है। सोशल मीडिया में कई प्लेटफार्म हैं जहां वे अपना काम दिखा सकते हैं। किसी को काम पसंद आया तो रिस्पांस भी जल्दी मिलता है। नए सिंगिंग टैलेंट बहुत प्रतिभाशाली है लेकिन भीड़ में अपनी एक अलग पहचान बनाने के लिए अपने आपको साबित करना होगा। मैं यही सलाह दूंगी कि सबसे ज्यादा ध्यान सोशल मीडिया में दीजिए। सोशल मीडिया के जरिए आप अपने काम को ‘शो-केस’ कर सकते हैं। अपना टैलेंस सोशल मीडिया में दिखाएं, आपको मौका जरूर मिलेगा।