डॉ. चन्द्रशेखर श्रीमाली
युवा कैरियर मार्गदर्शक
बीकानेर शहर अपनी लोक-संस्कृति, साहित्य व शैक्षणिक क्षमताओं के कारण समूचे देश में अपना विशिष्ट स्थान रखता है। इस शहर में साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में कई सुनहरे हस्ताक्षर हुए है जिन्होंने अपने बुद्धि कौशल व कार्यशैली से समाज को अनवरत आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
छोटी काशी के रूप में विख्यात इस धर्मनगरी में कई बिरले व्यक्तित्व को जन्म दिया है, उन्हीें में डॉ. चन्द्रशेखर श्रीमाली का नाम भी शामिल होता है। डॉ. श्रीमाली ने अपने सरल व मृदु व्यवहार से जहां शैक्षिणक क्षेत्र में अपनी गहरी पैठ बनाई है वहीं एकाग्रचित्त व दृढ़ निश्चय व मेहनत के बल पर कई ऐसे कार्यों को सम्पादित किया है, जिनसे विद्यार्थी वर्ग को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से लाभ मिला है।
स्कूली शिक्षा के बाद महाविद्यालय में पहुंचते ही इनका व्यक्तित्व और निखरने लगा, साथ ही शैक्षणिक विकास की ललक बढऩे लगी और अपने 9 विषयों में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त कर शोध के क्षेत्र में नये आयाम स्थापित किए। इन्होने अब तक 14 विद्यार्थियों को शोध निदेशक के रूप में कार्य करते हुए पीएच.डी. की डिग्री प्रदान करवाई है।
धार्मिक परिवेश में पले बढ़े डॉ. श्रीमाली पूर्णतया भगवान में आस्था रखते है, वहीं कर्म को जीवन का सिद्वान्त मानते है। आपने बीकानरे और राजस्थान के विभिन्न जिलो में अनेक कैरिअर सेमिनारों के माध्यम से न केवल युवाओं का मार्गदर्शन किया है बल्कि उनकों भविष्य निर्माण की ओर अग्रसर किया है। इनको जब भी अवसर मिला या तलाशा, कैरिअर से सम्बन्धित कार्यशालाऐं आयोजित करनी आरम्भ की, इन्होंने अब तक 200 कैरिअर सेमिनार के माध्यम से हजारों विद्यार्थीयों को कैरिअर मार्गदर्शन दे चुके है। यह सेमिनारों के सिलसिले के कारण आज वे एक युवा नेशनल कैरिअर मार्गदर्शक के रूप में प्रतिष्ठित हो चुके हैं।
समाज सेवा को भी इन्होंने आत्मसात किया। राष्ट्रीय सेवा योजना के माध्यम से भी इन्होंने सामाजिक कार्यो को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कार्य किया। जहां एन.एस.एस. में स्वेच्छा से की गई सेवाओं को मान्याता देने के लिए भारत सरकार के युवा कार्यक्रम व खेल मंत्रालय द्वारा वर्ष 2003 में आपकों इंदिरा गांधी राष्ट्रीय सेवा योजना राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया, वहीं कॉलेज शिक्षा निदेशालय, राजस्थान सरकार द्वारा भी आपको उल्लेखनीय कार्यो के लिये सम्मानित किया गया। इसके अलावा वर्ष 2015 में आई. आई. ई.एम. नई दिल्ली द्वारा उच्च शिक्षा में किए उत्कृष्ट कार्य के लिए ‘भारत विद्या शिरोमणी अवार्ड ‘ से नवाजा गया साथ ही जीटीएफ ने नई दिल्ली में ‘पॉजिटिव कॅरियर लीडर अर्वाड ‘ से भी 14 जुलाई 2018 को सम्मानित किया। इन्होंने राजस्थान पत्रिका के द्वारा आयोजित कैरियर गाइडेंस फेयर भी आपके कुशल संयोजन में सफलता के सोपानों को तय किया।
डॉ. श्रीमाली ने अपने कुशल नेतृत्व में अब तक 9 राष्ट्रीय सेमिनारों का आयोजन किया है वहीं आपने राष्ट्रीय व अन्तराष्ट्रीय स्तर के सेमिनारों, कार्यक्रमों में भी मरूशहर का प्रतिनिधत्व करते हुए शहर के गौरव को बढ़ाया। डॉ. श्रीमाली महाराज गंगासिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर में बोर्ड ऑफ स्टडीज कॉमर्स में भी बोर्ड मेम्बर रह चुके है साथ ही विश्वविद्यालय पाठ्यक्रम में आपकी दो पुस्तके भी कॉमर्स संकाय में संचालित हो रही है। इनके संपादन में 2 जर्नल का प्रकाशन पिछले 8 वर्षो से किया जा रहा है।
उच्च शिक्षा में 20 वर्षो के अध्यापन का अनुभव रखने वाले डॉ. चन्द्रशेखर श्रीमाली ने 9 वर्ष से सोमंू गल्र्स कॉलेज में प्रिसिंपल के पद पर कार्य किया वहीं आप ऑल इंडिया प्रिसिंपल्स एसोसिएशन के राजस्थान अध्यक्ष भी रहे।
डॉ. श्रीमाली को अनेक राजकीय व गैर राजकीय संस्थानों से सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा आपने सूक्ष्म लेखन में महारथ हासिल कर रखी है, आपने एक पोस्टकार्ड के एक भाग पर 50 हजार से अधिक सूक्ष्म राम शब्द लेखन कर लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करा चुके है। डॉ. श्रीमाली को विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में लेख प्रकाशित हो चुके है। डॉ. चन्द्रशेखर श्रीमाली के इन उपलिब्धयों व सराहनीय कार्य से श्रीमाली समाज को गर्व है।