प्रेम मूर्ति
सिंगर, परफ़ॉर्मर और संगीत निर्देशक
अच्छा संगीत हर किसी की पहुंच मे होना चाहिए, चाहे वो किसी भी देश और भाषा से ताल्लुक रखता हो
संगीत और गायन के प्रति आपकी अपनी रूचि थी या यह आपको विरासत में मिली?
मुझे बचपन से संगीत सुनना पसंद था। मैं हर गाने का मन में ही बहुत बारीकी से breakdown/dissection किया करता था। मेरी कोई सांगीतिक पृष्ठभूमि नहीं है। बस एक सपना था जिसे पूरा करने के बारे में मुझे ख़ुद भी कुछ नहीं पता था। मैंने अपने म्यूजिशियन बनने के सपने को हमेशा मन में ही रखा था। ग्रेजुएशन के दौरान जो घर से पैसे आते थे, मैंने उसमें से थोड़े बहुत पैसे बचा के अपने लिए हारमोनियम ख़रीदा। ये म्यूज़िक में मेरा पहला इन्वेस्टमेंट था। हारमोनियम बजाना मैंने ख़ुद सीख लिया था।
संगीत के क्षेत्र में अपनी शैक्षणिक योग्यताओं के बारे में बताईये। आपके पहले गुरु कौन हैं?
संगीत में ज्यादातर चीजें मैंने ख़ुद से सीखी। दूसरे संगीतकारों के काम को बहुत ध्यान से ऑब्जर्व करके मैंने सीखना शुरू किया। जैसे किसी भाषा का ज्ञान हमें होता है, लेकिन उसे शुद्ध रूप से बोलने के लिए उसका व्याकरण सीखना पड़ता है, उसी तरह मैंने संगीत की औपचारिक शिक्षा के लिए चंडीगढ़ स्थित प्राचीन कला केंद्र नाम का इंस्टीट्यूट ज्वाइन किया। वहां कुछ महीने गायकी, तबला और हारमोनियम की शिक्षा ली। डॉ. सुषमा शर्मा मेरी पहली गुरु रही हैं।
यह एहसास आपको कब हुआ कि संगीत ही आपका जीवन है और इसी में अपना कैरियर बनाना है?
वैसे तो ये मेरा बचपन का सपना था, लेकिन कोई सांगीतिक पृष्ठभूमि और मार्गदर्शन न होने से मेरी इच्छा हमेशा मेरे मन में दबी रही। जब मैंने अपनी ग्रेजुएशन पूरी की और जॉब में आ गया, तब मैंने हर महीने की तनख्वाह से म्यूज़िकल इंस्ट्रूमेंट्स, कंप्यूटर, सॉफ्टवेयर, माइक्रोफोन और अन्य हार्डवेयर ख़रीदना शुरू किया। मुझे बहुत जल्दी रेडियो जिंगल्स और प्राइवेट एल्बम के लिए लोगों ने अप्रोच करना शुरू कर दिया, तब मुझे लगा की म्यूज़िक को एक फुल टाइम कैरियर बना सकता हूं।
भोजपुरी भाषा के गीतों को गाने के प्रति आपकी दीवानगी के क्या कारण हैं?
भोजपुरी बहुत ही मीठी भाषा है और बिहार का अपना एक सांगीतिक इतिहास रहा है। मैं मूलतः बिहार से ही हूं। मेरा जन्म और मेरी प्रारंभिक शिक्षा बिहार में ही हुए हैं। इसलिए मुझे शुरू से ही एक जिम्मेदारी का एहसास होता था कि मुझे अपने राज्य और अपनी भाषा के लिए बतौर गायक और संगीतकार कुछ करना है। मेरे कुछ गीतों को जी म्यूज़िक ने रिलीज किया था। अभी हाल ही में मैंने “हिले बिहार गोरिया” नाम का एक गीत अपने लेबल से रिलीज़ किया है जिसे सभी बहुत पसंद कर रहे हैं। इस गाने में युगांडा (ईस्ट अफ्रीका) के डांसर्स ने भी अपना योगदान दिया है। भविष्य में भी बहुत से भोजपुरी लोकगीत और पॉप गाने रिलीज़ करने का प्लान है।
भोजपुरी के अलावा और किन भाषाओं में आपने गीत गाए है?
हिंदी, पंजाबी, भोजपुरी में मैंने ज्यादातर ओरिजनल गीत गाए हैं। तमिल, मलयालम, कन्नड़ा और बंगला में भी कुछ कवर सॉन्ग्स गाए हैं। मेरा मानना है कि संगीत को किसी भाषा और भौगोलिक बंधन में बांध कर नहीं रखना चाहिए। इसी विचार पर बतौर संगीतकार मैंने एक अंतरराष्ट्रीय गीत रिलीज़ किया जिसमें इंग्लिश, संस्कृत और हवाइन भाषा का इस्तेमाल किया गया है, और इसमें अलग अलग देशों के गायकों को मैंने अपने निर्देशन में गवाया है।
आपका पहला गीत कौन सा था जिसने आपको अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दी?
बहुत से कमर्शियल गानों में बतौर गायक और संगीतकार काम करने के बाद मेरी दिली ख्वाहिश थी एक ऐसा गाना बनाने की, जो मेरे दिल के बहुत करीब हो, जो किसी व्यवसायिक फ़ायदे या लोकप्रियता के मोह से ऊपर हो। प्यार और आपसी मेलजोल और सौहार्द्र के आसपास कुछ क्रिएट करना चाहता था। तब मैंने एक गीत कंपोज किया, जिनके शब्द अमेरिका के एक गीतकार माइक ग्रीनली (Mike Greenly) ने लिखे। उस गाने का नाम रखा गया ‘लव एंड पीस’ (Love and Peace)। इस गाने में बहुत खूबसूरती से ‘शांति मंत्र’ को भी अंग्रेजी लिरिक्स के साथ मिक्स किया गया है। दुनिया के अलग–अलग देशों के अवॉर्ड विजेता गायकों और संगीतज्ञ लोगों ने इस गाने में खुशी खुशी हिस्सा लिया। इस गाने ने अभी तक कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीते हैं, जिसमें से ‘Canadian Cinematography Award for Best Music Video’ और ‘Canadian Cinematography Award for Best Experimental Film’ शामिल हैं। GRAMMY 2024 के लिए भी इस गाने को भेजा जा रहा है।
आपके करियर का सबसे चैलेंजिंग गीत कौन सा रहा है?
‘लव एंड पीस’ कई मामलों में चैलेंजिंग रहा। अलग अलग देशों के विभिन्न सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के लोगों को अप्रोच करने से लेकर उनके टाइमजोन के हिसाब से उनसे बात करना, इंडिया से ईमेल्स और मैसेज के द्वारा उनको निर्देशन देना और छोटे मोटे बदलाव करवाना, ये थोड़ा चुनौतीपूर्ण रहा। लेकिन आजकल के टेक्नोलॉजी की वजह से सब कुछ बहुत आसानी से संभव हो पाया। कुल मिलाकर सबकुछ बहुत interesting रहा। सभी कलाकारों ने मेरे काम को और इस गीत को बहुत रिस्पेक्ट दिया।
पंजाबी भाषा के गीतों को गाना आपको कितना सहज लगता है। पंजाबी भाषा के गीतों की में क्या कुछ आप नया करना चाहते हैं। आपके पसन्दीदा पंजाबी गायक कौन हैं?
मैंने अपने कैरियर की शुरुआत बतौर संगीतकार पंजाबी संगीत से की थी। और मैं बहुत साल से चंडीगढ़ और पंजाब में रहा हूं, तो पंजाबी भाषा से अवगत हूं। गाने के मूड और शब्दों को समझने और सही उच्चारण के लिए गीतकार मेरी सहायता करते हैं। मैं अपनी नई कंपोजोशंस और अरेंजमेंट्स से पंजाबी गानों में नयापन लाने की कोशिश किया करता हूं। गुरदास मान और दिलजीत दोसांझ मेरे पसंदीदा पंजाबी गायक हैं।
आपने भक्ति संगीत में भी अपनी गायन प्रतिभा दिखाई है। इसमें आपकी उपलब्धियों के बारे में कुछ बताईये?
मेरे अंदर संगीत की जो भी थोड़ी बहुत समझ है वो सब भगवान की देन है। म्यूजिकली मैं अपनी कृतज्ञता प्रकट करता हूं। लोगों ने भी मेरे भक्ति गायन को बहुत पसंद किया है। Therapeutic, soothing आदि उपमाओं से श्रोताओं ने मेरी आवाज़ की प्रसंशा की है और बहुत प्यार दिया है। इसलिए भक्ति संगीत के लिए हमेशा उत्साहित रहता हूं। Shemaroo कंपनी ने भी मेरे काम को बहुत सराहा और मेरे साथ agreement साइन किया। मैने उनके लेबल के लिए बहुत सारे मंत्र और पॉपुलर भक्ति गीत गाए।
आप अपनी मौलिक आवाज़ में गा कर अपनी एक अलग पहचान बनाई है। नए सिंगर्स को क्या मैसेज देना चाहते हैं जो आपकी तरह लोकप्रिय होना चाहते हैं?
वैसे तो मैं इतना योग्य नहीं, लेकिन फिर भी ये जरूर कहूंगा कि प्रोफेशनल सिंगर बनने के लिए म्यूज़िक की बेसिक एजुकेशन बहुत जरूरी है। आपका फाउंडेशन जितना मजबूत होगा, उतनी ही आसानी से आप नए गानों को सीख पाएंगे और गा भी पाएंगे। किसी पुराने और बहुत बार सुने हुवे गाने को अपनी आवाज़ में गाना अलग बात है, और किसी नए गाने को स्टूडियो में बैठकर सीखना और उसी वक्त सही सुर और एक्सप्रेशन के साथ गाना और बात। गाने के वक्त हमेशा अपनी नेचुरल आवाज़ में गाने की कोशिश करनी चाहिए भले ही आप किसी दिग्गज गायक से कितने भी प्रभावित रहे हों।
आप मूलतः बिहार से हैं। संगीत में अपने कैरियर को स्थापित करने के लिए चंडीगढ़ को क्यों चुना?
एक अच्छा संयोग था कि ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए मेरा सिलेक्शन चंडीगढ़ के पीजीआई (PGIMER) इंस्टीट्यूट में हुआ। पंजाबी म्यूज़िक इंडस्ट्री अभी राष्ट्रीय स्तर का म्यूजिक बना रहा है। यहां रहकर मुझे अच्छे लेवल का कमर्शियल म्यूज़िक सीखने और बनाने का मौका मिला जो किसी और शहर में शायद मुश्किल होता। ये शहर काफ़ी शांत है और साथ ही साथ बहुत आधुनिक भी, जो किसी संगीत प्रेमी के लिए बहुत अनुकूल रहता है।
जीवन मे आपके लक्ष्य क्या हैं?
मैं दुनिया को बहुत अच्छे अच्छे गीत देना चाहता हूं। मैं चाहता हूं कि जब वो मेरे गाने सुनें, तो उस 5 मिनट के लिए अपने सारे दुख भूल कर मेरे संगीत में डूब जाएं। अच्छा संगीत हर किसी की पहुंच में होना चाहिए, चाहे वो किसी भी देश और भाषा से ताल्लुक रखता हो। मेरी कोशिश रहेगी हर किसी तक अपने गीत पहुंचाने की।