इनसाईट इंटरनेशनल
अनिल शाह
हौसलों की उड़ान ही सफलता का रास्ता दिखाती है
एक संतुष्ट ग्राहक हमारे लिए एक स्थायी संपत्ति की तरह है – अनिल शाह
अनिल रंजन शाह प्रेसिडेंट हैं वल्र्ड मनी एक्सचेंज इंक के और अपने इस व्यवसाय में 36 साल पूरे करने के बाद, आज भी अमेरिका में उनकी विश्वसनीय और पहचान एक शक्तिशाली ब्रांड के रूप में होती है। अनिल जी अपने इसी विश्वास और ब्रांड नाम को सुनिश्चित रखने के लिए, अपने ग्राहकों की सन्तुष्टि और विश्वसनीयता को सबसे आगे रखते हैं। समय के साथ, इन वर्षों में उन्होंने न केवल व्यापार क्षेत्र में सफलता के नए – नए आयामों का निर्माण किया साथ ही सामाजिक कार्यों में भी बढ़ -चढ़ कर भागेदारी की और अनजान विदेशी धरती पर भारत का तिरंगा लगातार लहरा रहें हैं।
अनिल आर शाह जी का मानना है कि एक जिम्मेदार ब्रांड के पास एक अनुशासनात्मक और कॉर्पोरेट प्रशासन प्रणाली होनी चाहिए, विशेष रूप से इस एक्सचेंज उद्योग में। उनका मानना है कि ये महत्वपूर्ण कार्य इस बात की गारंटी देते हैं कि ग्राहक सन्तुष्टि के लिए, नैतिक मानकों और पारदर्शी दृष्टिकोण को अपने व्यापार में बरकरार रखना सबसे अहम् है।
अनिल शाह से मनु चौधरी की विशेष बातचीत।
दुनिया में हर व्यक्ति अपने जीवन में कुछ न कुछ पाने की इच्छा रखता है। अलग-अलग तरह के लोग अपनी अलग-अलग ख्वाहिशों रखते है। इनमें से कोई गायक, अभिनेता, डॉक्टर, वैज्ञानिक, सफल उद्योगपति इत्यादि बनने की इच्छा रखता है। जीवन में सफल बनना, उसके सपने देखना और सफलता की कल्पना करना बहुत ही आसान है। लेकिन, वास्तविक रूप से सफलता को प्राप्त करने के लिए हमें बहुत ही कठिन और संघर्षपूर्ण रास्ते पर निरन्तर चलते रहना पड़ता है तभी जा कर हम अपने सपनों को उड़ान दे पाते हैं।
ये इतना सहज तो कतई नहीं है जितना सहजता से हम सोच पाते हैं। दुनिया में ऐसे कई लोग हैं जो अपने जीवन में सफल व्यक्ति के रूप में जाने जाते है, परंतु उनकी सफलता के पीछे उनका पूरा समर्पण, उनकी मेहनत, उनका अपने सुखों से समझौता करना और सम्पूर्ण प्रयास शामिल होते हैं। तभी जीवन के एक मुक़ाम पर पहुंच कर वो अन्य लोगो के लिए एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व बन कर सबके सामने उभर कर आते हैं। आज हम एक ऐसे ही व्यक्तित्व से आप का परिचय करवाने जा रहें हैं जिन्होंने अपने हौसलों की उड़ान से ही सफलता का स्वाद चखा है।
अमेरिका के प्रसिद्ध व्यवसायी अनिल रंजन शाह, जिन्होंने कुछ अलग करने का सपना न केवल देखा ही बल्कि उसे पूरा भी किया। हालांकि भारत के गुजरात राज्य से अमेरिका तक का सफर इतना सहज उनके लिए भी नहीं था लेकिन कहते हैं न जहां बिना पंखों के भी उड़ान भरने का हौसला हो वहां क्या नहीं हो सकता। कुछ ऐसा ही खट्टे – मीठे अनुभवों से भरी हुई है अनिल शाह जी की जीवन कहानी।
अनिल जी ये सफलता का सफर आप ने कब शुरू किया ?
मनु जी चाहे आप हो या मैं या कोई भी अन्य व्यक्ति इस दुनिया में हर कोई सफल होने का सपना रखता है लेकिन कुछ लोग ही वास्तविक सफलता का स्वाद चखने में सक्षम हो पाते हैं। इस दुनिया में सब कुछ संभव है, लोग हर असंभव को संभव बना रहे हैं। उसी तरह सफल होना मुश्किल जरूर है पर नामुमकिन नहीं है। इसके लिए आपको कड़ी मेहनत, बलिदान, समर्पण, और सही समय पर प्रबंधन की आवश्यकता होती है। जो लोग अपने लक्ष्य के प्रति ध्यान केंद्रित करते हैं और अपने सपने को सच बनाने की तीव्र इच्छा रखते हैं, वो अपने जीवन में निश्चित रूप से ही सफलता को प्राप्त करने में सफल होते हैं।
बात है साल 1987 की, जब विदेशों में जा कर भारतीय अपने मेहनत के बलबूते पर तिरंगा लहरा रहे थे उसी दौरान मैंने भी अमेरिका में जा कर विश्व मनी एक्सचेंज, इंक की स्थापना की और इसी के साथ विदेशी मुद्रा विनिमय और कीमती धातुओं में अपने सफल भविष्य का रास्ता खोज निकला। आज मेरी वही छोटी सी कंपनी अमेरिका में बड़े लेवल पर सबसे बेस्ट प्राइस पर सोना, चांदी, पैलेडियम और प्लेटिनम बार / सिक्के खरीदती भी है और बेचती भी है।
अनिल जी हमने सुना है एक व्यापारी के लिए मुनाफ़ा ही सब कुछ होता है। आपकी नजऱ में ये कहा तक सच है ?
देखिये मनु जी यह सच है कि एक व्यापारी सबसे पहले अपना मुनाफ़ा देखता है लेकिन मेरी विचारधारा कुछ अलग है जिसमे मैं सबसे पहले अपने ग्राहकों के हितों और संतुष्टि को पूरा करने के लिए सर्वोत्तम संभव दरों पर खरीदने और बेचने के बारे में सोचता हूँ। मेरा यही सबसे अलग हट कर काम करने का नज़रिया मुझे मेरे कारोबार में बाकि प्रतिभागियो से अलग खड़ा करता है। मेरी कम्पनी सबसे पहले यह सुनिश्चित करती है कि हमारे ग्राहक, सेवा से अपनी अपेक्षाओं का त्याग किए बिना पैसे बचा सकते हैं। हमारे प्रमुख ग्राहकों में कई सारे बैंक, विदेशी मुद्रा घराने, ट्रैवल एजेंट, वकील और सी.पी.ए. निगमों के आधिकारिक बड़े – बड़े टाइकून शामिल हैं।
अनिल जी हॅसते हुए आगे कहते हैं – हम सभी को जीवन में आगे बढऩे के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सफल लोगों से प्रेरणा मिलती रहती है। मनु जी आप जानती ही हैं कि सफलता का कोई सिलेबस नहीं होता जिसे हमारे अध्यापक, हमें शिक्षा के दिनों में पढ़ा कर सफल बना दे बल्कि, जीवन का अपना एक अलग ही स्लेबस होता है जिसकी नींव, घर से ही हमारी माँ सबसे पहले रखती है। एक माँ ही होती है जो बच्चे के जीवन को बना भी सकती है और बर्बाद भी कर सकती है। उसके बाद हम पुरुषों के जीवन में आने वाली सबसे अहम् भूमिका निभाती है हमारी पत्नी। माँ तो केवल जन्म ही देती है लेकिन पत्नी हर दिन हमारे आगे बढ़ते रहने में ख़ामोशी से सहयोग करती रहती है। मेरे जीवन की सफलता की कहानी लिखने वाली भी मेरी माँ और मेरी पत्नी ही हैं जिन्होंने मुझे हमेशा आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा दी है।
अनिल जी आपकी इस निरन्तर सफलता का रहस्य क्या है ?
मनु जी सफलता ही एक ऐसी चीज है, जिसे अपने सामने उपस्थित, सिमित संसाधनों और अपनी क्षमताओं के सर्वोत्तम उपयोग से प्राप्त किया जा सकता है। मैं ये तो नहीं कहुँगा कि जीवन में सफलता पाना इतना आसान है, लेकिन इसे पाने के लिए आपको अत्यंत धैर्य की आवश्यकता होती है। यह पूरी तरह से हम पर निर्भर करता है कि हम अपने आपको किस प्रकार से आगे बढ़ाते हैं। हर किसी के जीवन में सफलता को लेकर, सबकी, अपनी अलग-अलग राय हो सकती है। अपने जीवन में किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के बाद ही हमें वास्तविक खुशी और संतुष्टि प्राप्त होती है। सफलता हमारे जीवन में जहां एक तरफ अनेकों खुशियाँ साथ लेकर आती है वहीं दूसरी तरफ, जीवन में हमें, अपना सर्वश्रेष्ठ करने के लिए, निरन्तर प्रेरित भी करती रहती है। अनिल जी हॅसते हुए कहते हैं कि हम सभी,अपने जीवन में, सफल होने का सपना अवश्य देखते हैं, लेकिन सफलता केवल उन्हीं लोगों के हाथ आती है, जो इसके बारे में वास्तिविक रूप से चिंतित होते हैं और इसे पाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हैं।
इसी समय हमने भी लगे हाथों अनिल जी से उनके सफल होने के मंत्र को, साँझा करने की गुज़ारिस की ताकि अन्य युवा भी न केवल सपनें देखे बल्कि उनसे कुछ सीख कर अपने जीवन की राह को भी रौशनी से जगमगाये। अनिल जी ने कहा कि देखिये मनु जी, हम सभी अपने जीवन में किसी न किसी उद्देश्य और मकसद के साथ जन्म लेते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि बिना किसी लक्ष्य के हमारा ये जीवन व्यर्थ है। हम सभी अपने अंदर मौजूद अपनी क्षमताओं को किसी ओर से बेहतर समझते हैं यह केवल हम पर निर्भर करता हैं कि हम खुद को कितना बेहतर समझ पाते हैं । जीवन में अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपनी क्षमताओं का उपयोग ही हमें जीवन में सफल बनाता है और यही मैंने आज तक किया है। अगर आसान शब्दो में आपको कहुँ तो सबसे पहले हमें अपने जीवन के लक्ष्य को पहचानना होगा ताकि एक जुनून के साथ हम उसे लगातार फॉलो करते रहें बिना किसी हार या जीत की, परवाह किये बिना।
मेरे जीवन के सफल होने का दूसरा सबसे बड़ा मंत्र है असफलता को भी उसी सहजता से स्वीकार कीजिये जिस तरह से सफलता को स्वीकारते हैं क्योंकि यही असफलता ही वह पहली सीढ़ी होती है जिस पर बढ़ कर मैंने सफलता की देवी के कदम भी चूमे हैं। देखिये, सफलता की राहों में कई तरह की चुनौतियां आती हैं। जो लोग वास्तव में अपने सपनों को पाने की इच्छा रखते हैं, वो अपने रास्ते में आने वालो चुनौतियों का सामना करके अपना रास्ता खुद बनाते हैं।
मनु जी आप जानती ही हैं कि हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम के अनुसार ‘फेल ‘ शब्द का अर्थ है, ‘सीखने का पहला सबक या प्रयास’ यानिकि (First Attempt In Learning). असफलता हमेशा ही सफलता के साथ होती है। यह आपको आपकी गलतियां बताती है और आपको उनका एहसास कराती है। इसलिए आप बिल्कुल भी न घबराएं और अपनी असफलता को स्वीकारने का साहस रखें। मैंने भी अपने व्यापार के शुरुआती दिनों में असफलता का स्वाद चखा है तभी आज जहां तक पंहुचा हूँ वहां मजबूती से खड़ा हूँ।
मेरी सफलता का तीसरा मंत्र है हार्ड वर्क करना । मनु जी आप जानती ही हैं कि, हमेशा से ही कहा जाता है कि सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत का, कोई विकल्प नहीं होता है। जो लोग जन्म से प्रतिभाशाली होते हैं, उन्हें भी अपने जीवन में सफल होने के लिए कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता होती है। कड़ी मेहनत ही आपको आपके जुनून और आपके कौशल को बढ़ाने में निरन्तर मदद करती है। आपको अपने जीवन में वास्तविक रूप में सफल होने के लिए, असाधारण रूप से, कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता है। मैं पिछ्ले 36 साल से लगातार इसी मंत्र को साधने में लगा हुआ हूँ।
मनु जी मेरी सफलता का चौथा मंत्र है खुद को हमेशा प्रेरित रखना यानिकि खुद को हर पल मोटीवेट रखना। आप जानते हैं कि जीवन के किसी भी हालत में हमें अपने लक्ष्य को कभी नहीं भूलना चाहिए। एक सपना टूट गया तो क्या हुआ नया सपना देखना शुरू कर दीजिये जिसके लिए हमें कुछ खरीदना नहीं पड़ता।
और अंत में मेरा सबसे अहम् सफलता का मंत्र आपके पाठकों से साँझा करना चाहूगा और वो है हमें अपने जीवन में अनुशासित और समय की अहमियत को समझते हुए खुद को निरंतरता के पैमाने में ढालना होगा तभी हम उस मुकाम तक पहुंच सकते हैं जिसका सपना हमने सजोया भी होता है और वहां तक पहुंचने का लक्ष्य निर्धारण भी किया हुआ होता है। जैसे कि मैं अपने व्यापार को एक लेवल से दूसरे लेवल तक ले जाने के लिए एक उचित योजना का निर्माण करता हूँ फिर उस लक्ष्य को तय करता हूँ जिसके लिए मुझे अपने व्यवसाय में टाइम प्रबंधन की आवश्यकता होती है।
ऐसा हम सभी व्यापारियों को करना चाहिए क्योंकि समय सबसे कीमती होता है और अगर एक बार समय चला गया तो यह कभी वापस नहीं आएगा। किसी के भी जीवन में अवसर केवल एक बार दस्तक देता है और आपको इसे व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए। इसलिए सही समय पर मेरे व्यापार के सही निर्णय ही मुझे आज यहाँ तक ला पाये हैं जहां आप मेरे जीवन की सफल राह को अपने साक्षात्कार के माध्यम से बाकि सभी के साथ सांझा कर रहीं हैं।
अनिल जी मेरा आखरी सवाल, क्या सफल होने का मतलब जीवन में बहुत सारा पैसा कमाना है?
देखिये मनु जी, हर व्यक्ति के लिए धन और सफलता दोनों ही बहुत आवश्यक हैं। हम सभी के जीवन के कुछ लक्ष्य अवश्य ही होते है और उस लक्ष्य को हासिल करने के बाद हमें एक अच्छा कैरियर मिलता है, इसके फलस्वरूप हम अच्छे पैसे कमाते है। यह सच है कि आपको जीवन की हर आवश्यकता को पूरा करने के लिए पैसे की आवश्यकता है लेकिन केवल पैसा ही आपको जीवन में खुशी दे ये कतई जरुरी नहीं। मेरे अनुसार तो बहुत अधिक कमाई करने वाला हर व्यक्ति वास्तव में सफल नहीं होता है। सफल होने का वास्तविक अर्थ है कि वह लक्ष्य हासिल करने के बाद आप जीवन में वो खुशी और संतुष्टि प्राप्त कर पाते हैं या नहीं जिसका आपने खुद एक दिन सपना देखा था। यही हम सभी के जीवन की सफलता है कि जो चाहा उसे हासिल कर ही लिया जीवन के अंतिम पड़ाव के आने से पहले ही।
प्रिय पाठकगण आज अपने अंतरराष्ट्रीय साक्षात्कार श्रृंखला में हमने आप से परिचय करवाया गुजरात से अमरीका तक का सफल, सफर करने वाले व्यापारी अनिल शाह जी से जिनके लिए उनके कारोबार के शुरुआती दो साल काफी चुनौतीपूर्ण रहे। लेकिन समय के साथ, इन वर्षों में उन्होंने न केवल व्यापार क्षेत्र में सफलता के नए – नए आयामों का निर्माण किया साथ ही सामाजिक कार्यों में भी बढ़ -चढ़ कर भागेदारी की और अनजान विदेशी धरती पर भारत का तिरंगा लगातार लहरा रहें हैं। अपने इस व्यवसाय में 36 साल पूरे करने के बाद,आज भी अमेरिका में उनकी विश्वसनीय और पहचान एक शक्तिशाली ब्रांड के रूप में होती है। अनिल जी अपने इसी विश्वास और ब्रांड नाम को सुनिश्चित रखने के लिए, अपने ग्राहकों की सन्तुष्टि और विश्वस्नीयता को सबसे आगे रखते हैं।
अनिल आर शाह जी का मानना है कि एक जिम्मेदार ब्रांड के पास एक अनुशासनात्मक और कॉर्पोरेट प्रशासन प्रणाली होनी चाहिए, विशेष रूप से इस एक्सचेंज उद्योग में। उनका मानना है कि ये महत्वपूर्ण कार्य इस बात की गारंटी देते हैं कि ग्राहक सन्तुष्टि के लिए, नैतिक मानकों और पारदर्शी दृष्टिकोण को अपने व्यापार में बरकरार रखना सबसे अहम् है। व्यवसाय का परिणाम और ग्राहक प्रशंसापत्र, उनके अथक परिश्रम और सेवा की गुणवत्ता के बारे में, बताते हैं। इस तरह अनिल जी ने खुद को अन्य व्यापारियों कि प्रतियोगिता से पूरी तरह अलग किया है। उनके लिए, एक संतुष्ट ग्राहक एक परमानेंट संपत्ति की तरह है जो आपके व्यापार को दिन पर दिन सफलता की ओर बढ़ाता चलता है।
अमेरिका की धरती पर भारत के सफल व्यापारी अनिल रंजन शाह जी का जीवन परिचय देख कर हम तो केवल इतना ही कहेगें कि सपने देखिये और उन्हें पूरा करने के लिए बिना पीछे देखते हुए आगे बढ़ते रहिये और यही सफलता का वास्तिविक अर्थ भी है। इस दुनिया में ऐसे बहुत से लोग हैं जो गलत तरीके से पैसा कमाते हैं, इसलिए वो काफी अमीर होते हैं। पर इसका यह मतलब नहीं है कि वो एक सफल व्यक्ति है। इस प्रकार बहुत सारा पैसा कमाने, सक्षम और सफल होने में एक बहुत बड़ा अंतर है। अमीरी सफलता को नापने का सही तरीका नहीं है। सफल होने का मतलब, समाज में इज़्ज़त,मान-सम्मान के साथ-साथ अच्छा पैसा कमाना भी हैं।